Dr Naveen Sharma

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2 Answers
  1. Ashu Rastogi

    अल्कोहल से सुगर की मात्र घट और बढ़ दोनों सकती है । हर ग्राम अल्कोहल में ९ कैलोरी होती है जिसको बर्न karne के लिए ज़्यादा इन्सुलिन की मात्रा चाहिए। साथ में अल्कोहल लिवर को भी अफेक्ट करता है जहां सबसे ज़्यादा ग्लूकोस कंज्यूम होता है , जिससे सुगर badhta है । परस्पर कुछ लोगो में सुगर घाट जाता है जब अल्कोहल लिवर को ख़राब कर देता है। क्योंकि हमारे शरीर में लिवर ही ग्लूकोस पैदा करता है जब हम भूखे रहते है या एम्प्टी कैलोरी अल्कोहल की फॉर्म में लेते है । अल्कोहल से motaapa भी बढ़ता है ख़ास तौर पे पैठ बढ़ना जिस से इन्सुलिन अपना काम ठीक से नहीं कर पाता है । स्मोकिंग से हमारी खून की धमनी जाम होती है जिस से हार्ट अटैक और पैर का गंगरीन होता है जोकि डायबिटीज में ५ गूड़ा बैश खाता है

  2. Krishraj Singh rathore

    हाइपोग्लाइसीमिया: शराब का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है, और जब मधुमेह की दवा या इंसुलिन के साथ मिलाया जाता है, तो यह हाइपोग्लाइसीमिया (निम्न रक्त शर्करा) के जोखिम को बढ़ा सकता है।

     

    हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षणों में पसीना, कंपकंपी, भ्रम, चक्कर आना और चेतना का नुकसान भी शामिल हो सकता है। हाइपरग्लेसेमिया का बढ़ता जोखिम दूसरी ओर, बहुत अधिक शराब पीने से रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हाइपरग्लेसेमिया (उच्च रक्त शर्करा) हो सकता है।

     

    यह खराब नियंत्रित मधुमेह वाले लोगों या टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए विशेष रूप से जोखिम भरा हो सकता है।

     

    वजन बढ़ना: मादक पेय कैलोरी में उच्च हो सकते हैं, और अत्यधिक खपत वजन बढ़ाने में योगदान दे सकती है, जो कि टाइप 2 मधुमेह के लिए एक जोखिम कारक है।

     

    निर्जलीकरण: शराब एक मूत्रवर्धक है, जिसका अर्थ है कि यह पेशाब और निर्जलीकरण में वृद्धि कर सकता है। निर्जलीकरण रक्त शर्करा के स्तर को और प्रभावित कर सकता है और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है।

     

    तंत्रिका क्षति: अत्यधिक शराब के सेवन से तंत्रिका क्षति हो सकती है, जो मधुमेह के कारण होने वाली मौजूदा तंत्रिका क्षति को बढ़ा सकती है।

     

    जिगर की क्षति: मधुमेह वाले लोगों को पहले से ही जिगर की क्षति का अधिक खतरा होता है, और अत्यधिक शराब का सेवन इस जोखिम को और बढ़ा सकता है।