Rajdeep Choudhary

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कई गंभीर स्वास्थ्य समकई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है ऑस्टियो आर्थराइटिस

- हार्ट ब्लॉकेज, कमर गर्दन की नर्व कमजारे करने जैसी कई समस्याओं का अप्रत्यक्ष कारण

- लक्षण दिखने पर लें विशेषज्ञ से परामर्श

आमतौर पर ऑस्टियो आर्थराइटिस हड्डियों से जुड़ी बीमारी है जिसमें मरीज के मरीज के जोड़ों के कार्टिलेज घिसने लगते हैं और उनकी चिकनाहट कम हो जाती है। लगातार जोड़ों में तेज दर्द और तिरछापन आने जैसी समस्याओं से मरीज अपने सामान्य कार्य कर पाने में भी असक्षम हो जाता है और समस्या अधिक गंभीर होने पर मरीज को जोड़ प्रत्यारोपण की सर्जरी तक करानी पड़ जाती है। लेकिन यह बीमारी यहीं तक नहीं रुकती। यह अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कारण बन सकती है।

ऑस्टियो आर्थराइटिस जब चौथी स्टेज पर पहुंच जाता है तो मरीज लगभग बिस्तर पर आ जाता है और दैनिक कार्यों के लिए भी उसे दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। हमने देखा है कि कई मरीजों में लंबे समय तक असक्रियता से वजन बढ़ना, रक्तचाप या हृदय से जुड़ी बीमारियां होने लगती हैं। अधिक वजन से गर्दन और कमर की नसों पर भी दबाव बढ़ने लगता है जिससे वह खराब हो जाती है और पैरों में बेहद कमजोरी आ जाती है। ऐसे में जब मरीज रिप्लेसमेंट सर्जरी भी कराता है तो कमजोर नसों के कारण उसे कृत्रिम जोड़ों का फायदा नहीं मिल पाता।

बेहद आसान है जांच --

ऑस्टियो आर्थराइटिस की जांच बहुत आसान है। डॉक्टर द्वारा किए गए चेकअप और जोड़ों के डिजिटल एक्सरे से ही इस रोग का पता चल जाता है, कि आपको ये बीमारी है या नहीं। ऐसी नवीनतम दवाएं उपलब्ध हैं, जो कार्टिलेज को पुन: विकसित करने में सहायक हैं, जिन्हें कार्टिलेज रीजनरेटर कहते हैं। लेकिन जब रोग अधिक गंभीर होता है तो जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी कर मरीज के जोड़ों को बदल दिया जाता है।

ऑस्टियो आर्थराइटिस का दर्द दूर करने के लिए करें एक्सरसाइज --

ऑस्टियो अर्थराइटिस के दर्द को दूर करने के लिए एक्सरसाइज करें। यह क्षतिग्रस्त जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। वैसे एक्सरसाइज ऑस्टियो आर्थराइटिस में कई अर्थों में उपयोगी होता है। एक्सरसाइज वजन कम करने में मदद करने के साथ सहनशीलता को भी बढ़ावा देता है। 

खान-पान से बचाव हो सकता है बचाव --

खुद के प्रति पोषण की उदासीनता कई समस्याओं की जड़ है। नियमित पौष्टिक भोजन करके कई समस्याओं के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस को भी दूर रख सकते हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस से बचाव के लिए अपने आहार में ग्लूकोसमीन और कोन्ड्रायटिन सल्फेट जैसे तत्वों से भरपूर होना चाहिए। ये हड्डियों और कार्टिलेज को भरपूर पोषण देते हैं।

ऑस्टियो अर्थराइटिस के लक्षण --

जोड़ों में दर्द होना और जोड़ों में तिरछापन आना

चाल में खराबी और चलने की क्षमता का कम होना

सीढियां चढ़ने-उतरने में दिक्कत

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