Dr Naveen Sharma
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नमस्ते सर
मेरा नाम राधा है मेरा आज से 15 साल पहले एक्सीडेंट हुआ था जिसके कारण मेरे ऐकल का ऑपरेशन करके उसमें रोड लगाई गई थी उसके बाद मैंने सर उसको निकलवाया नहीं लेकिन अब यह बहुत ज्यादा पेन कर रहा है तो मुझे क्या करना चाहिए क्या इसको निकलवाना जरूरी है
Agar rod pain karta hai to nikalawa sakte hain . Itna purana rod aaeene se nahee niklega
Its has been more than 4 months after my surgery was done for removal of GCT from right distal femur region of my right knee. I am able to bend my legs till 120 degrees but the movement is stil not free the bending starts from 105 degrees and goes upto 120 degrees as i do more repetition. Also in extension i have a lag of 20 degrees i can extend my legs till 160 degrees actively and passively i can do till 180. I am continuing with my physiotheraphy excercise regularly.
Kindly let me know the next steps and any timeline by which i should achieve full movement both in extension and flexion.
you can do physiotherapy and if not possible we can bend it with knee arthroscopy.
- सही विधि से इलाज जरूरी
- नजरअंदाज करना पड़ सकता है महंगा
जयपुर। हमारे हाथों की मूवमेंट में कोहने के जोड़ बहुत महत्वपूर्ण होता है। भारी चीजें उठाने या खींचने जैसी गतिविधियों में कोहनी के जोड़ से स्थिरता और मजबूत मिलती है। ऐसे में कोहनी में लगने वाली चोटों को नजरअंदाज कर उनका उचित इलाज कराना जरूरी हो जाता है। यदि कोहनी की चोट नजरअंदाज की जाएं तो इससे आर्थराइटिस का खतरा बढ़ सकता है जो आपको असहनीय दर्द दे सकता है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में कई तकनीकें आ गईं हैं जिससे इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
इसीलिए होता है कोहनी में दर्द --
सीनियर जॉइंट रिप्लेसमेंट एंड ऑर्थ्रोस्कोपी सर्जन डॉ. नवीन शर्मा ने बताया कि यूं तो कोहनी में दर्द गंभीर समस्या नहीं है लेकिन हमारी रोजमर्रा की दिनचर्या में लगभग सभी गतिविधियों में कोहनी के जोड़ का उपयोग होता है। ऐसे में कोहनी के दर्द से परेशानी काफी बढ़ जाती है। यह एक जटिल जोड़ है जिसमें थोड़े से असंतुलन से मरीज को दर्द की समस्या घेर लेती है। जोड़ में सूजन आ जाना, मोच आना, एक्सीडेंट होना, स्पोर्ट्स इंजरी होने या जोड़ के ज्यादा लचीले होने से कोहनी का दर्द होता है। इसके उपचार के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। कोहनी के दर्द की स्थिति को ठीक से जानने के लिए एमआरआई जांच करवाई जाती है। इसके बाद दर्द का कारण जानकार मरीज का उपयुक्त विधि से इलाज किया जाता है।
आर्थोस्कोपी से ठीक होती है जोड़ की गड़बड़ी --
कोहनी में दर्द का कारण जानकर उसे दवाओं से ठीक किए जाने का प्रयास किया जाता है। लेकिन दवाओं से भी फर्क नहीं पड़ता तो मरीज को आर्थोस्कोपी विधि द्वारा सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है। डॉ. नवीन शर्मा कहते हैं कि आर्थोस्कोपी से कोहनी के जोड़ के अंदर की गड़बड़ी ठीक की जा सकती है। कार्टिलेज के टूटने पर आर्थोस्कोपी की सहायता से उसे ठीक किया जा सकता है या लिगामेंट के क्षतिग्रस्त होने पर उसे रिपेयर भी कर सकते हैं। यदि लिगामेंट ज्यादा क्षतिग्रस्त हो जाए तो उसे दोबारा बनाना पड़ सकता है जो एक विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा ही कराया जाना चाहिए।
- हार्ट ब्लॉकेज, कमर गर्दन की नर्व कमजारे करने जैसी कई समस्याओं का अप्रत्यक्ष कारण
- लक्षण दिखने पर लें विशेषज्ञ से परामर्श
आमतौर पर ऑस्टियो आर्थराइटिस हड्डियों से जुड़ी बीमारी है जिसमें मरीज के मरीज के जोड़ों के कार्टिलेज घिसने लगते हैं और उनकी चिकनाहट कम हो जाती है। लगातार जोड़ों में तेज दर्द और तिरछापन आने जैसी समस्याओं से मरीज अपने सामान्य कार्य कर पाने में भी असक्षम हो जाता है और समस्या अधिक गंभीर होने पर मरीज को जोड़ प्रत्यारोपण की सर्जरी तक करानी पड़ जाती है। लेकिन यह बीमारी यहीं तक नहीं रुकती। यह अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कारण बन सकती है।
ऑस्टियो आर्थराइटिस जब चौथी स्टेज पर पहुंच जाता है तो मरीज लगभग बिस्तर पर आ जाता है और दैनिक कार्यों के लिए भी उसे दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। हमने देखा है कि कई मरीजों में लंबे समय तक असक्रियता से वजन बढ़ना, रक्तचाप या हृदय से जुड़ी बीमारियां होने लगती हैं। अधिक वजन से गर्दन और कमर की नसों पर भी दबाव बढ़ने लगता है जिससे वह खराब हो जाती है और पैरों में बेहद कमजोरी आ जाती है। ऐसे में जब मरीज रिप्लेसमेंट सर्जरी भी कराता है तो कमजोर नसों के कारण उसे कृत्रिम जोड़ों का फायदा नहीं मिल पाता।
बेहद आसान है जांच --
ऑस्टियो आर्थराइटिस की जांच बहुत आसान है। डॉक्टर द्वारा किए गए चेकअप और जोड़ों के डिजिटल एक्सरे से ही इस रोग का पता चल जाता है, कि आपको ये बीमारी है या नहीं। ऐसी नवीनतम दवाएं उपलब्ध हैं, जो कार्टिलेज को पुन: विकसित करने में सहायक हैं, जिन्हें कार्टिलेज रीजनरेटर कहते हैं। लेकिन जब रोग अधिक गंभीर होता है तो जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी कर मरीज के जोड़ों को बदल दिया जाता है।
ऑस्टियो आर्थराइटिस का दर्द दूर करने के लिए करें एक्सरसाइज --
ऑस्टियो अर्थराइटिस के दर्द को दूर करने के लिए एक्सरसाइज करें। यह क्षतिग्रस्त जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। वैसे एक्सरसाइज ऑस्टियो आर्थराइटिस में कई अर्थों में उपयोगी होता है। एक्सरसाइज वजन कम करने में मदद करने के साथ सहनशीलता को भी बढ़ावा देता है।
खान-पान से बचाव हो सकता है बचाव --
खुद के प्रति पोषण की उदासीनता कई समस्याओं की जड़ है। नियमित पौष्टिक भोजन करके कई समस्याओं के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस को भी दूर रख सकते हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस से बचाव के लिए अपने आहार में ग्लूकोसमीन और कोन्ड्रायटिन सल्फेट जैसे तत्वों से भरपूर होना चाहिए। ये हड्डियों और कार्टिलेज को भरपूर पोषण देते हैं।
ऑस्टियो अर्थराइटिस के लक्षण --
जोड़ों में दर्द होना और जोड़ों में तिरछापन आना
चाल में खराबी और चलने की क्षमता का कम होना
सीढियां चढ़ने-उतरने में दिक्कत
- अवस्कुलर नेक्रोसिस नामक गंभीर बीमारी से खराब हो जाते हैं जोड़
- जॉइंट रिप्लेसमेंट से कारगर इलाज संभव
खून की बीमारी का प्रभाव आपके जोड़ो पर भी पड़ सकता है। हमारे खून में पाए जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं के आकार में परिवर्तन होने के कारण सिकल सेल एनिमिया नाम की बीमारी होती है जो हमारे जोड़ों के लिए भी अत्यंत नुकसानदेह हो सकते है। अगर बीमारी का सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह मरीज को बिस्तर से उठने तक के लिए मजबूर कर सकता है। जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी से जोड़ों की समस्या को ठीक किया जा सकता है।
किस तरह पहुंचाती है नुकसान --
सिकल सेल एनिमिया से लाल रक्त कोशिकाओं का आकार बदल जाता है और जोड़ों की खून की नसों में थक्का जमने के कारण रक्त प्रवाह रुक जाता है। जोड़ों में रक्त प्रवाह रुकने से अवस्कुलर नेक्रोसिस नामक बीमारी होती है जिसमें मरीज की हड्डियां बहुत कमजोर हो जाती हैं और छोटी-छोटी गतिविधियों से भी मरीज को अहसनीय दर्द होता है। हड्डी के टिश्यू तक रक्त संचार पर्याप्त मात्रा में नही होने पर टिश्यू मरने लगते हैं। टिश्यू के खत्म होने के कारण हड्डियां पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। हड्डी के घिसने या जोड़ के अलग हो जाने पर उस हिस्से में रक्त की आपूर्ति होना बंद हो जाती है।
जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी ही आखिरी उपाय --
अवस्कुलर नेक्रोसिस से अधिकांशत: कूल्हे के जोड़ ज्यादा प्रभावित होते हैं। अगर मरीज सही समय पर इसका इलाज शुरू नहीं कराते तो हड्डियों में चिकनापन खत्म होने पर मरीज गंभीर रूप से गठिया से पीडि़त हो सकता है। यदि कूल्हे की हड्डी की बॉल क्षतिग्रस्त हो जाती है तो हिप रिप्लेसमेंट आखिरी विकल्प होता है। रिप्लेसमेंट सर्जरी ने न केवल मरीज का दर्द दूर होता है बल्कि वह पहले की तरह चलने की स्थिति में आ जाता है।
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Kai doctor Ko dikha liya Ko Bata nahin Raha Bata dijiye kya Karen
Btao sir kitna or time lgega meri bone add hone me ,, Mera opresan Apollo hospital guwahati me hua tha ,, vo doctor bol rhe h 2 month or lgega but aap or btao kitna time legega please sir aap btao
Dr. Manish Vaishnav Consultant Arthroscopy & Shoulder Surgery, Shelby Hospital, Jaipur Best Orthopeadic Surgeon in Jaipur Dr. Manish Vaishnav Best Ligament Surgeon in Jaipur:- We are specializes in treatment of Hip, Knee, Shoulder and Regenerative Medicine. Latest medical technology with the state of art medical facility to provide his patients the best possible outcome. He Is the Best Orthopedic Doctor In Jaipur, Shoulder Surgeon In Jaipur Dr. Manish Vaishnav is a Master Instructor with the Arthroscopy Association of India. He has treated close to 500 Professional and Olympic athletes successfully. Arthroscopy Surgeon in Jaipur, Hip & Knee Replacement Surgeon in Jaipur.
मेरा नाम गुरप्रीत सिंह है मेरी उम्र 30 साल है सड़क दुर्घटना में मेरी राइट हैंड शोल्डर की हड्डी ऊपर वाली टूट गई है उसके लिए कौन सा इलाज सही होगा प्लीज जल्दी से जल्दी बताओ।
Dr. Sanjay Sharma is a best cardiologist in Jaipur, by profession having over more than 30 years of experience. The objective is to make the general public aware of the increasing incidence of heart diseases and, hopefully, to help reduce heart diseases in the future. Also, I want to prepare my readers to face deadly and grim situations like a heart attack with courage and fortitude. Usually, people learn about the grim facts about heart attacks when some near and dear one becomes a victim. This learning usually happens at midnight in some strange hospital where a tired doctor advises about the seriousness of the disease and the treatment options.
Conditions and Diseases, Infectious Diseases, Health Eating, Doctor...
Doctor
Hath Mera nahin uth raha hai bataiye kya Karen
Dr. Manish Vaishnav - ligament surgeon in Jaipur, Acl Surgeon in jaipur
Senior v
Witch is Successful treatment for future cause I needa right solution please
Best Cardiologist, heart surgeon in jaipur
Kai doctor Ko dikha liya Ko Bata nahin Raha Bata dijiye kya Karen
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