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मिर्गी या एपिलेप्सी से कैसे बचें ?

एपिलेप्सी एक जीवन बदल देने वाला रोग है, जिसमें व्यक्ति के मस्तिष्क में अनियंत्रित विद्युत् गतिविधियां होती हैं। यह गंभीर समस्या है जो किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन ज्यादातर लोग बचपन में ही इस समस्या से पीड़ित हो जाते हैं। इस लेख में हम एपिलेप्सी के बारे में बात करेंगे जैसे कि यह क्या है, इसके कारण, लक्षण और इसका इलाज।

एपिलेप्सी क्या है?

एपिलेप्सी एक न्यूरोलॉजिकल रोग है जो मस्तिष्क के विद्युत् गतिविधियों में अनियंत्रित गतिविधियों के कारण होता है। इसका मतलब है कि इस रोग में व्यक्ति के मस्तिष्क में अचानक विद्युत् की अनियंत्रित खंडन हो जाती है जो उसके शरीर के कुछ हिस्सों के नियंत्रण को खो देती है। इससे व्यक्ति असंयमित तरीके से हिलता हुआ दिखता है और अधिकतर लोग उन्हें भ्रमित हो जाते हैं।

इस लेख में हम एपिलेप्सी के कारणों के बारे में बात करेंगे

एपिलेप्सी के कारण क्या होते हैं?

एपिलेप्सी के कारण विभिन्न होते हैं, लेकिन इसमें मस्तिष्क के विद्युत् गतिविधियों में अनियंत्रित गतिविधियों के कारण होता है। इस रोग के कुछ मुख्य कारणों के बारे में निम्नलिखित हैं:

उच्च तापमान: उच्च तापमान एपिलेप्सी के लिए एक बड़ा कारक है। लंबी समय तक बारिश न होना, दुष्काल एवं गर्मी या बहुत ठंडी मौसम एपिलेप्सी के लिए जोखिम बनते हैं।

जन्मांग विकार: जन्मांग विकार भी एपिलेप्सी के लिए एक कारक हो सकते हैं। यह विकार जन्म के समय हो सकते हैं या जन्म के पहले और दूसरे तिमाही में हो सकते हैं।


एपिलेप्सी रोग आमतौर पर अचानक आने वाली जटिलताओं के कारण होता है और इससे बचाव करना बहुत मुश्किल होता है। इस लेख में, हम आपको एपिलेप्सी से बचने के कुछ उपायों के बारे में बताएंगे।

स्वस्थ खानपान: स्वस्थ खानपान रखना अत्यंत आवश्यक है। आपको हर दिन अपने आहार में पूर्ण आहार जैसे फल, सब्जियां, अनाज आदि का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, शराब और अन्य नशीली द्रव्यों का सेवन करने से बचें।

नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम करने से आप एपिलेप्सी से बच सकते हैं। योग, पैदल चलना, जोगिंग, धैर्यवानी, आदि के लिए समय निकालें।

समय पर नींद: समय पर नींद लेना भी बहुत महत्वपूर्ण है। दिन में कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।

स्ट्रेस से बचें: स्ट्रेस एपिलेप्सी का मुख्य कारण है। समय-समय पर अपने आप को रिलैक्स करें। आप ध्यान विश्राम, मुद्रा, योग, आदि कर सकते हैं।

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नार्मल बीपी कितना होना चाहिए ।

नॉर्मल ब्लड प्रेशर रेंज क्या है?

ब्लड प्रेशर शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, जो उच्च और निम्न होने के दो अवस्थाओं में होता है। जब हमारे हृदय धड़कने लगते हैं, तब वे रक्त को शरीर के अंदर पंप करने लगते हैं। इस पंपिंग के दौरान, रक्त की दबाव उत्पन्न होती है जो ब्लड प्रेशर के रूप में जाना जाता है। ब्लड प्रेशर को दो नंबरों में मापा जाता है: सिस्टोलिक और डायस्टोलिक। सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर हमारे हृदय की धड़कन के समय का ब्लड प्रेशर होता है, जबकि डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर हमारे हृदय की धड़कन नहीं होते हुए रक्त के दबाव का माप होता है।

नॉर्मल ब्लड प्रेशर रेंज क्या है?

नॉर्मल ब्लड प्रेशर रेंज व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकता है। आमतौर पर, एक स्वस्थ व्यक्ति का सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 120 से 129 और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 80 से 84 होता है। इसके अलावा, आमतौर पर ब्लड प्रेशर के रेंज में बदलाव आते रहते हैं।

ब्लड प्रेशर का प्रबंधन कैसे करें 

आज के दौर में ब्लड प्रेशर एक आम समस्या हो गई है। बहुत से लोग इससे पीड़ित होते हैं और उन्हें इसे नियंत्रित करने के लिए जरूरी जानकारी नहीं होती है। लेकिन यह समस्या संभव है नियंत्रण किया जा सकता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि ब्लड प्रेशर का प्रबंधन कैसे करें।

सही खान-पान: खाने की चीजों का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है। वसा वाली खाद्य पदार्थों से बचें और आहार में फल और सब्जी शामिल करें। अपने आहार में सोडियम की मात्रा कम करें जैसे नमक और सॉडा। इसके साथ ही शराब और नशीली दवाइयों का सेवन भी न करें।

व्यायाम: रोजाना व्यायाम करना ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है। आराम से शुरू करें और धीरे-धीरे अपने शरीर को एक्सरसाइज से अधिक तनाव न दें। योग, चलने जाने में व्यायाम और स्विमिंग जैसी एक्सरसाइज कम करने के लिए उपयोगी होती हैं।

उच्च रक्तचाप के कारण :

उच्च रक्तचाप कई अलग-अलग कारणों से हो सकता है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

आहार: अनुचित खान-पान, जैसे अधिक नमक और तेल का सेवन उच्च रक्तचाप के कारण हो सकता है।

वजन: वजन के बढ़ने से उच्च रक्तचाप होने की संभावना बढ़ जाती है।

नपुंसकता: नपुंसकता उच्च रक्तचाप का एक कारण हो सकती है।

स्त्रेस: जीवन में स्ट्रेस का अधिक होना भी उच्च रक्तचाप का कारण हो सकता है।

आप कमेंट सेक्शन में अपने सवाल लिख सकते हैं । मैं जवाब दे दूँगी । 

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वजन कम कैसे करे घर पर

वज़न घटाना एक ऐसा लक्ष्य है जिसे लोग आमतौर पर हासिल करना चाहते हैं। यह संभव है, लेकिन इसके लिए सब्र, समय और दृढ़ इच्छा की आवश्यकता होती है। अपने वजन को नियंत्रित करना सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। जब आप अपने वजन को नियंत्रित करते हैं, तो आपके शरीर की ताकत, सुचारुता और ऊर्जा बढ़ती है। इस लेख में हम आपको वजन कम करने के कुछ आसान तरीके बताएंगे जो आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में आसानी से उपयोग कर सकते हैं।

 

वजन कम करना एक बहुत ही आम समस्या है जिससे लोग सबसे अधिक परेशान होते हैं। ज्यादातर लोग इसे बढ़ाने और कम करने के लिए आहार और व्यायाम के संयोजन का उपयोग करते हैं। यदि आप वजन घटाना चाहते हैं तो निम्नलिखित उपायों का उपयोग करके अपनी योजना तैयार कर सकते हैं:

 

नियमित व्यायाम करें: नियमित व्यायाम वजन कम करने में बहुत मदद कर सकता है। आप रोजाना कुछ मिनट भी निकाल सकते हैं और धीरे-धीरे व्यायाम को बढ़ाते जाएं।

 

आहार में सतत बदलाव करें: आपका आहार आपके वजन पर बहुत प्रभाव डालता है। आप अपने आहार में स्वस्थ भोजन शामिल कर सकते हैं और जंक फूड और तला हुआ खाना कम खाने की कोशिश कर सकते हैं।

 

नियमित नींद लें: नियमित नींद लेना आपके शरीर को ठीक से रिसेट करने में मदद करता है और आपको संतुलित रखता है। अपने दिन की शुरुआत और अंत नींद से अवश्य लें।

 

वजन बढ़ने के कारण

 

वजन बढ़ना आजकल बहुत समस्या बन गयी है। यह समस्या शायद ही किसी को नई हो। वजन बढ़ने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं जैसे कि खाने की आदतों में बदलाव, सेदेंट्री जीवनशैली, असंतुलित आहार और तनाव इत्यादि।

 

यदि आप वजन बढ़ने के कारणों को समझना चाहते हैं तो इस ब्लॉग में आपको उन सभी कारणों के बारे में जानकारी मिलेगी जो आपके वजन बढ़ने का कारण हो सकते हैं।

 

खाने की आदतों में बदलाव: खाने की आदतों में बदलाव वजन बढ़ाने का सबसे मुख्य कारण हो सकता है। ज्यादा स्वादिष्ट खाने का सेवन करना, खाने की समय ताला जाना और व्यायाम न करना वजन बढ़ने के कारणों में से हैं।

 

सेदेंट्री जीवनशैली: बैठे रहने वाले काम वजन बढ़ाने का एक और मुख्य कारण है। जो लोग नियमित रूप से बैठे रहते हैं उनके मेटाबॉलिज्म कामयाबी से काम करता है।

 

वजन कम करने के विभिन्न तरीके

 

वजन कम करना आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। लेकिन इसके लिए सही तरीके से वजन कम करना भी बहुत जरूरी होता है। यहां हम आपको वजन कम करने के कुछ उपयोगी तरीके बताएँगे:

 

व्यायाम: व्यायाम करना वजन कम करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है। आप रोजाना अपने समय के अनुसार व्यायाम कर सकते हैं। जैसे कि जोगिंग, योगा, स्विमिंग, गोल्फ आदि।

 

सही खानपान: सही खानपान भी वजन कम करने के लिए बहुत जरूरी है। आप अपने आहार में सब्जियों, फलों, दलियों, अंडे, लोव फैट दूध, प्रोटीन वाले आहार शामिल कर सकते हैं।

 

रुचि के अनुसार व्यंजन: आप जो खाना पसंद करते हैं उसे हमेशा खा सकते हैं, लेकिन इसे सही मात्रा में लेना जरूरी होता है। आप अपनी मनपसंद चीजों को थोड़ी मात्रा में खा सकते हैं लेकिन फैट वाले और चिप्स, कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजें कम से कम खा सकते हैं।

 

वजन बढ़ने के खतरनाक प्रभावों में सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि अधिक वजन के होने से व्यक्ति की सेहत पर कैसे असर पड़ता है। यदि व्यक्ति का वजन बढ़ता रहता है तो उसे कई तरह की सेहत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं में दिल की बीमारी, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, स्तन कैंसर, फैटी लिवर, घुटनों के दर्द और अन्य जोड़ों के रोग शामिल होते हैं।

 

अगर आप अपनी सेहत से जुड़ी और भी जानकारीया चाहते है तो इस पोस्ट को अपने सभी मित्रों के साथ शेयर करे और हमारी इस पोस्ट पर कमेंट करे ताकि हम इसी तरह की महत्वपूर्ण जानकारियां आपके लिए लाते रहे।

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बाल को झड़ना कैसे कम कर सकते हैं ?

बालों का झड़ना एक आम समस्या है जो अक्सर लोगों को परेशान करती है। इससे नहीं सिर्फ आपके बालों का मात्रा कम होती है, बल्कि इससे आपके आत्मविश्वास में भी कमी आती है। अगर आपके बाल झड़ रहे हैं तो आपको इस समस्या को सही करने के लिए कुछ उपायों का पालन करना चाहिए। इस ब्लॉग में हम बालों के झड़ने से बचने के लिए उपयोगी टिप्स देंगे। अपनी डाइट को सुधारें अगर आपकी डाइट में प्रोटीन, विटामिन, आयरन और जिंक की कमी होती है तो आपके बालों का झड़ना शुरू हो जाता है। इसलिए, आपको इन सभी पोषक तत्वों का सेवन करना चाहिए। आपको अधिक से अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाने चाहिए, जैसे कि अंडे, मटर, दूध, पनीर आदि। आपको अपने आहार में अधिक मात्रा में सब्जियां, फल और दाल शामिल करना चाहिए। बालों का झड़ना का मुख्य कारण अलोपेशिया (Alopecia) हो सकता है। अलोपेशिया एक रोग है जिसमें बालों के झड़ने के कुछ या सभी क्षेत्रों में बालों का उत्पादन बंद हो जाता है। यह आमतौर पर एक अंतर्निहित रोग होता है जो कि शरीर के उपयोग के दौरान संग्रहीत वायु, बादल जैसी कुछ चीजों एवं सामान्य रूप से परिवर्तित होने वाली आहार सामग्री से जुड़ा हुआ हो सकता है। अन्य कारणों में अन्य रोगों, बालों की सुरक्षा में कमी, तंत्रिका अथवा अवसाद या तनाव का असामान्य दबाव शामिल हो सकता है। बाल उगाने का साइकिल एक नियमित संचालन प्रक्रिया है जो हर व्यक्ति के शरीर में होती है। इस संचालन प्रक्रिया के माध्यम से शरीर में नए बाल उगते हैं जो कि उन बालों को बदलते रहते हैं जो नष्ट हो जाते हैं। इस संचालन प्रक्रिया में तीन अलग-अलग चरण होते हैं, जिनमें से प्रत्येक चरण के दौरान बालों में विभिन्न प्रकार के बदलाव होते हैं। • बालों के उगाने की संचालन प्रक्रिया का पहला चरण होता है एनाजेन चरण। इस चरण के दौरान बाल अपनी उगाई शुरू करते हैं। यह चरण लगभग 2 से 6 साल तक चलता है। इस दौरान बाल का आकार लगातार बढ़ता है और बाल का मूल बाल बुनियादी रूप से मजबूत होता है। इस चरण में आमतौर पर 85% बाल होते हैं। • दूसरा चरण कैटाजेन चरण होता है। इस चरण में बाल उगना बंद हो जाता है और इसकी उगाई रुक जाती है। इस चरण का अवधि लगभग 2 से 3 हफ्तों तक होता है। बालों का झड़ना एक आम समस्या है, जो आमतौर पर लोगों को तंग करती है। यह न केवल उनकी दिखावट को प्रभावित करता है, बल्कि इसका असर उनकी आत्मविश्वास पर भी पड़ता है। बालों का झड़ना कई कारणों से होता है। यहां हम इसके मुख्य कारणों के बारे में चर्चा करेंगे। • उम्र: जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमारे बाल भी झड़ना शुरू हो जाते हैं। इसका कारण हमारे बालों के झड़ने के प्राकृतिक कारणों में से एक है। • धूम्रपान: यह एक और मुख्य कारण है। धूम्रपान से न केवल आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है, बल्कि इससे आपके बालों को भी नुकसान पहुंचता है। धूम्रपान के कारण आपके बाल झड़ने लगते हैं और आपके शीशे पर बालों के झड़ने के निशान दिखाई देने लगते हैं। • रोग: कुछ बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप, थायरोइड समस्या, एलोपेशिया, स्कैल्प इंफेक्शन आदि के कारण भी बालों का झड़ना होता है। बालों को झड़ने से रोकने के लिए निम्नलिखित टिप्स का पालन करें: • अपने बालों को धोने से पहले उन्हें अच्छी तरह से ब्रश करें। इससे बालों के झड़ने की समस्या कम होगी। • अपने बालों को नियमित रूप से तेल लगाएं। नारियल तेल, जैतून तेल या बादाम तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। • अपनी डाइट में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल की पूरी मात्रा लें। ये बालों के झड़ने को रोकने में मदद करते हैं। • बालों को ज्यादा गर्मी से बचाएं। इसके लिए स्ट्रेस और ज्यादा हेयर स्टाइलिंग उत्पादों से बचें। • अपने बालों को हर सप्ताह एक बार नहाने के बजाय दो बार नहाएं। इससे बालों की मृदुता बनी रहती है और झड़ने की समस्या कम होती है। • अपने बालों को ज्यादा सूखाने से बचाएं। उन्हें सूखा करने के लिए नारियल तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। • अपने बालों को नियमित रूप से कटवाएं। इससे बालों की ग्रोथ बढ़ती है और झड़ने की समस्या कम होती है। अगर आप अपनी सेहत से जुड़ी और भी जानकारीया चाहते है तो इस पोस्ट को अपने सभी मित्रों के साथ शेयर करे और हमारी इस पोस्ट पर कमेंट करे ताकि हम इसी तरह की महत्वपूर्ण जानकारियां आपके लिए लाते रहे।

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